ईश्वर का नाम सलामती

क़ुरआन में ईश्वर के विभिन्न नाम बताए गए हैं। उनमें से एक नाम ‘अस्सलाम’ है यानी सलामतीमानो ईश्वर स्वयं सलामती का प्रकटीकरण (manifestation) है, ईश्वर स्वयं सलामती की आकृति है। ईश्वर को अमन व सलामती इतनी ज़्यादा पसंद है कि उसने अपना एक नाम अस्सलाम रखा।

इस आयत की व्याख्या में अल-ख़त्ताबी ने लिखा है— “ वह हस्ती जिसके ज़ुल्म से लोग सुरक्षित रहें। लोगों को जिससे सलामती का अनुभव हो, न कि हिंसा का।” (तफ़्सीर अल-क़ुर्तुबी)

ईश्वर की हैसियत उच्चतम कसौटी की है। जब ईश्वर का बर्ताव इंसानों से अमन और सलामती पर आधारित हो तो इंसानों को भी दूसरे इंसानों के साथ इसी बर्ताव का मामला करना चाहिए। हर इंसान को दूसरे इंसान के साथ अमन व सलामती का बर्ताव करना चाहिए, न कि उसके साथ सख़्ती और हिंसा का।

Maulana Wahiduddin Khan
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