बड़ों को सभी के जनाज़ों में शामिल होना चाहिए।
मदीने में एक काले रंग की बावली-सी औरत थी। वह मसजिद का कूढ़ा साफ़ किया करती थी। उसका इन्तिक़ाल हुआ तो चन्द लोगों ने उसको दफ़न कर दिया और रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इसकी ख़बर न दी। आपको मालूम हुआ तो आपने फ़रमाया कि मुसलमानों में से किसी का इन्तिक़ाल हो जाए तो मुझको उसकी ख़बर दिया करो। और आपने बाद में उसकी नमाज़ जनाज़ा पढ़ी। (सहीह अल-बुख़ारी, हदीस संख्या 458)
Magazine :