क़ुरआन में यह वर्णन है कि ईश्वर ने सात आसमान ऊपर-नीचे पैदा किए। तुम ईश्वर की रचना में कोई गड़बड़ न देखोगे। तुम फिर निगाह डालकर देखो, कहीं तुम्हें कोई गड़बड़ नज़र आती है। तुम दोबारा निगाह डालकर देख लो। आख़िरकार तुम्हारी निगाह तुच्छ और विवश होकर तुम्हारी ओर लौट आएगी। (67:4)
ईश्वर ने एक बहुत बड़ी कायनात पैदा की। इस कायनात में हर वक़्त अनगिनत गतिविधियाँ जारी हैं, लेकिन सारी गतिविधियाँ बहुत ही संगठित रूप से हो रही हैं। कहीं कोई अनियमितता (irregularity) नहीं। किसी का काम यहाँ उच्च मापदंड से कम नहीं।
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