ईश्‍वरीय नैतिकता

इंसान को ईश्वर ने इस व्‍यवस्‍था की पाबंदी से प्रत्यक्ष रूप से आज़ाद रखा है, लेकिन यह आज़ादी केवल परीक्षा की नीति के आधार पर है; वरना इंसान से भी ठीक वही आचरण वांछित है, जो बाक़ी कायनात में ईश्वर ने स्थापित कर रखा है। अंतर यह है कि बाक़ी कायनात में यह आचरण ईश्वर के सीधे कंट्रोल के तहत क़ायम है और इंसान के जीवन में इसे ख़ुद इंसान के अपने इरादे के तहत क़ायम होना चाहिए। यहाँ मतलब है उस हदीस का, जिसमें कहा गया है कि ईश्वर की नैतिकता (standards of conduct) को अपनी नैतिकता बनाओ।

इस्‍लामी नैतिकता की बुनियाद उस कल्‍पना पर स्‍थापित है कि नैतिकता एक कायनाती हक़ीक़त है। जो नैतिकता बाक़ी कायनात के लिए निर्धारित की गई है, वही नैतिकता इंसान से भी वांछित है। इंसान के लिए बाक़ी कायनात एक नैतिक आदर्श की हैसियत रखती है। एक अच्‍छे इंसान के लिए भी वही बात सही है, जो मिगुएल डी सेरवांते (Miguel de Cervantes) ने एक अच्‍छे चित्रकार के बारे में कही है।

Good painters imitate nutrue; bad ones vomit it.

अच्‍छे चित्रकार प्र‍कृति की नक़ल करते हैं और बुरे चित्रकार उसको उगल देते हैं।”

इंसान के अलावा जो कायनात है, उसे ईश्वर ने एक क़ानून का पाबंद बना रखा है। वह अनिवार्य रूप से इसके अनुसार काम करती है। कायनात के इस क़ानून को विज्ञान की भाषा में प्राकृतिक नियम (law of nature) कहा जाता है। क़ुरआन में इसी बात को इस तरह कहा गया है कि ज़मीन और आसमान ईश्वर के आदेश के तहत हैं (41:5) और फिर यही माँग इंसान से की गई है कि वह ईश्वर के आदेश के मातहत बनकर रहे (3:154)।

हक़ीक़त यह है कि ईश्वर का एक ही क़ानून है, जिसकी पैरवी कायनात और इंसान, दोनों से वांछित है। बाक़ी कायनात बलपूर्वक इस क़ानून को अपनाए हुए है और इंसान को ख़ुद अपने इरादे के तहत इस क़ानून को अपनाना है।

इस्‍लामी नैतिकता का यह नियम क़ुरआन की निम्नलिखित आयत में मिलता है—

“क्‍या लोग ईश्वर के धर्म के सिवा कोई और धर्म चाहते हैं। हालाँकि उसी के अधीन है, जो कोई ज़मीन और आसमान में है— ख़ुशी से या नाख़ुशी से और सब उसी की तरफ़ लौटाए जाएँगे।” (3:83)

क़ुरआन की इस आयत से साफ़ तौर पर मालूम होता है कि ईश्वर ने बाक़ी कायनात की व्‍यवस्‍था जिन नियमों पर व्यावहारिक रूप से स्‍थापित कर रखी है, उसी के अनुसार वह इंसानी ज़िंदगी की व्‍यवस्‍था को भी देखना चाहता है। इंसानी समाज को भी उन्हीं नियमों में ढल जाना चाहिए, जिसका नमूना कायनाती सतह पर हर वक़्त दिखाया जा रहा है।

Maulana Wahiduddin Khan
Share icon

Subscribe

CPS shares spiritual wisdom to connect people to their Creator to learn the art of life management and rationally find answers to questions pertaining to life and its purpose. Subscribe to our newsletters.

Stay informed - subscribe to our newsletter.
The subscriber's email address.

leafDaily Dose of Wisdom