सब कुछ ईश्वर का उपहार

अरब में जब तेल की दौलत आई, तो वहां अचानक जीवन का नक्शा बदल गया। एक अरब शेख, जो पहले एक साधारण तंबू में रहता था और जिसकी पूरी जिंदगी ऊंट पर निर्भर थी, अचानक तेल की दौलत से ख़ुशहाल हो गया। उसके एक दोस्त ने स्विट्जरलैंड में उसके लिए आधुनिक शैली का एक शानदार मकान खरीदा। जब वह अरब शेख जहाज़ से सफर करके वहां पहुंचा और अपने खूबसूरत मकान को देखा, तो उसे यक़ीन ही नहीं हुआ कि यह मकान उसी का है। उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे वह कोई सपना देख रहा हो।

वह अपने मकान की दीवारों और उसके फर्नीचर को छू-छूकर देखता रहा कि यह सच में उसका मकान है या वह सपने में किसी काल्पनिक महल को देख रहा है। बहुत देर बाद, जब उसे यकीन हुआ कि यह एक वास्तविक मकान है और वह उसी का है, तो वह खुशी के आंसुओं के साथ सजदे में गिर पड़ा और काफी देर तक इसी हालत में रहा।

यह जो अनुभव एक अरब शेख ने किया, वैसा ही अनुभव हर इंसान को एक बड़े पैमाने पर करना चाहिए। क्योंकि इस दुनिया के रूप में हर इंसान को वही मिला हुआ है, जो उस अरब शेख को स्विट्जरलैंड के मकान के रूप में मिला। स्विट्जरलैंड का मकान उस अरब शेख के लिए जितना अद्भुत था, उससे अनगिनत गुना ज्यादा अद्भुत यह सृष्टि है, जो हर इंसान को बिना किसी कीमत के हर पल मिल रही है।

हर इंसान का मामला, बढ़े हुए स्वरूप के साथ, उसी अरब शेख के मामले जैसा है। सच तो यह है कि हर इंसान पूरी तरह से एक असहाय और वंचित प्राणी है। फिर उसे इस दुनिया के रूप में सब कुछ दिया गया है। प्रकृति अपने समस्त खजानों के साथ जीवनभर उसकी सेवा में लगी रहती है।

इंसान का जन्म होना ही अपने आप में एक चमत्कार है। यदि इंसान इस पर विचार करे, तो वह एक-एक चीज़ पर आश्चर्यचकित हो जाएगा। एक ऐसा प्राणी जो जीवित है, जो देख और सुन सकता है, जो सोचता है और चलता है, जो योजना बनाता है और उसे अपने मनमुताबिक क्रियान्वित करता है। ये सभी इतनी अनूठी विशेषताएं हैं, जो इंसान को मुफ्त में मिली हुई हैं। यदि इंसान इस पर गहराई से सोचे, तो वह कृतज्ञता के भाव में डूब जाएगा।

फिर यह दुनिया, जिसमें इंसान रहता है, इतनी अद्भुत है कि यह पूरी तरह से इंसान के अनुकूल है। पृथ्वी जैसा ग्रह इस विशाल ब्रह्मांड में दूसरा नहीं है। यहां पानी है, हरियाली है, हवा है, धूप है, खाने का सामान है, और अनगिनत चीजें हैं, जो सृष्टिकर्ता के एकतरफा उपहार के रूप में यहां मौजूद हैं। ये चीजें पृथ्वी के अलावा कहीं और नहीं पाई जातीं।

यदि कोई व्यक्ति इस सच्चाई पर विचार करे, तो वह भी उस अरब शेख की तरह कृतज्ञता के भाव से सजदे में गिर पड़े। लेकिन ऐसा नहीं होता। इसका कारण यह है कि इंसान दुनिया की चीजों को फॉर ग्रांटेड मान लेता है। वह जानबूझकर या अनजाने में यह समझता है कि जो कुछ है, वह होना ही चाहिए। जो कुछ उसे मिला हुआ है, वह उसे मिलना ही चाहिए। यही वह जगह है, जहां इंसान की परीक्षा है।

इंसान को चाहिए कि वह इस मामले में अपनी चेतना को जागृत करे। बार-बार विचार करके इस सच्चाई को समझे कि वह सिर से पैर तक एक असहाय प्राणी है। उसे जो कुछ मिला है, वह पूरी तरह से ईश्वर की देन है। यदि ईश्वर न दे, तो उसे कुछ भी नहीं मिलेगा। जो चीजें इंसान को अपने आप मिलती हुई प्रतीत होती हैं, उन्हें वह इस तरह ले, जैसे वे हर समय सीधे ईश्वर की ओर से भेजी जा रही हों। वह मिली हुई चीजों को ईश्वर की देन के रूप में पहचानने की कोशिश करे।

ईश्वर को वही इंसान प्रिय है, जो अपनी चेतना को इतना जागृत करे कि वह सामान्य रूप से मिलने वाली जीवन की चीजों को ईश्वर की असामान्य कृपा के रूप में देखे। वह सामान्य (Usual) को असामान्य (Unusual) के रूप में समझे। वह परोक्ष (अदृश्य) को प्रत्यक्ष के रूप में अनुभव करे। ऐसे ही लोग हैं, जिन्हें आख़िरत में ईश्वर का दर्शन प्राप्त होगा। यही वे लोग हैं, जिन्हें ईश्वर के पड़ोस में बनी हुई अनंत स्वर्ग में स्थान दिया जाएगा।

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