दिखावटी ईमानदारी

यह संसार परीक्षा का संसार है। यहाँ हर इंसान की जाँच हो रही है।
यह जाँच साधारण परिस्थितियों में नहीं होती,
 बल्कि असाधारण परिस्थितियों में होती है।

कभी ऐसा होता है कि पत्‍थर के ऊपर कुछ मिट्टी जम जाती है। इस मिट्टी के ऊपर हरियाली उग आती है। प्रत्‍यक्ष देखने में ऐसा लगता है कि जैसे वह कोई खेत हो, लेकिन अगर तेज़ बा‍रिश हो जाए तो मिट्टी सहित सारी हरियाली बह जाती है और इसके बाद केवल पत्‍थर की साफ़ चट्टान शेष रह जाती है, जो हर तरह की हरियाली और वनस्पतियों से बिल्‍कुल ख़ाली होती है।

यही मामला अधिकतर इंसानों का है। वे देखने में बिल्‍कुल ठीक मालूम होते हैं और तौर-तरीक़े में वे बहुत ‘हरे-भरे’ नज़र आते हैं, लेकिन हालात का एक झटका उनके सारे हरे-भरेपन व ताज़गी को समाप्‍त कर देता है। इसके बाद उनका व्‍यक्तित्‍व एक सूखे पत्‍थर की तरह होकर रह जाता है।

एक इंसान जो बातचीत में सज्‍जनता व उत्‍तमता की तस्वीर बना हुआ था, वह व्यावहारिक अनुभव के समय अचानक एक असभ्‍य इंसान बन जाता है। एक इंसान जो न्‍याय और मानवता के विषय पर भाषण दे रहा था, वह व्‍यवहार के अवसर पर अन्‍याय की शैली अपना लेता है। एक इंसान जो मस्जिद में रुकू और सज्‍दे में विनय का प्रदर्शन कर रहा था, वह मस्जिद के बाहर इंसानों के साथ मामला करने में घमंड और स्वार्थ की मूर्ति बन जाता है। एक इंसान, जो दूसरों को उच्‍च‍ विनम्रता और अधिकार देने का उपदेश दे रहा था, जब उसका अपना समय आता है तो वह द्वेष, ईर्ष्‍या और अत्याचार के रास्‍ते पर चलने लगता है।

यह संसार परीक्षा का संसार है। यहाँ हर इंसान की जाँच हो रही है। यह जाँच साधारण परिस्थितियों में नहीं होती, बल्कि असाधारण परिस्थितियों में होती है, लेकिन विचित्र बात यह है कि इंसान ठीक इसी समय असफल हो जाता है, जबकि उसे सबसे अधिक सफलता का प्रमाण देना चाहिए।

लोग बातों में सत्‍यनिष्‍ठा का प्रमाण दे रहे हैं। हालाँकि सत्‍यनिष्‍ठा वह है, जिसका प्रमाण व्‍यवहार से दिया जाए। लोग मित्रता के समय सदाचारी बने रहते हैं। हालाँकि अच्‍छा आचरण वह है, जो बिगाड़ के समय अच्‍छा आचरण सिद्ध हो। लोग ईश्वर के सामने विनय की रस्‍म निभाकर संतुष्‍ट हैं। हालाँकि किसी का विनयी होना यह है कि वह लोगों के साथ व्यवहार करते समय विनयी बना रहे

चट्टान की मिट्टी पर की जाने वाली खेती दिखावटी खेती है। ऐसी खेती किसी किसान के कुछ काम आने वाली नहीं। सैलाब का एक रेला इसे झूठी खेती सिद्ध कर देता है। इसी तरह दिखावटी सत्‍यनिष्‍ठा भी झूठी सत्यनिष्ठा है, जिसे क़यामत का सैलाब इस तरह झूठा सिद्ध कर देगा कि वहाँ उसके लिए कुछ न होगा, जो उसका सहारा बने।

Maulana Wahiduddin Khan
Share icon

Subscribe

CPS shares spiritual wisdom to connect people to their Creator to learn the art of life management and rationally find answers to questions pertaining to life and its purpose. Subscribe to our newsletters.

Stay informed - subscribe to our newsletter.
The subscriber's email address.

leafDaily Dose of Wisdom