इंसान अपने साधारण कार्य को बहुत बड़ा कार्य सिद्ध करके प्रसन्न है, लेकिन मृत्यु इन सारी ख़ुशफ़हमियों को झूठा साबित कर देगी।
ब्रिटेन का एक आर्टिस्ट है, जिसका नाम स्टीफ़न प्रिस्टले (जन्म : 1954) है। चेस्टर (इंग्लैंड) में एक नीलामी में उसकी चार तस्वीरें रखी गईं । उसकी तस्वीरों की क़ीमत केवल एक पौंड लगी। इस प्रकार स्टीफ़न प्रिस्टले को एक पौंड का चेक दे दिया गया।
ब्रिटेन का आर्टिस्ट एक पौंड का चेक पाकर बहुत नाराज़ हुआ। उसके निकट उसकी इन चार तस्वीरों की क़ीमत इससे बहुत अधिक थी, जितनी क़ीमत उसे ख़रीददार की ओर से मिली। उसने अपने चेक पर एक पौंड की धनराशि को 1001 पौंड बना दिया। सामयिक रूप से उसने बैंक से 1001 पौंड की धनराशि प्राप्त कर ली, लेकिन बहुत जल्द ही बैंक वालों को पता चल गया कि उसने बैंक के सामने जो चेक प्रस्तुत किया, उसकी धनराशि फ़र्ज़ी थी। स्टीफ़न को पुलिस के हवाले कर दिया गया। अब वह जेल में धोखेबाज़ी के अपराध में सज़ा भुगत रहा है।
(हिंदुस्तान टाइम्स, 2 अक्टूबर, 1981)
इस घटना का संबंध संसार के मामले से है, लेकिन इसी से परलोक के मामले की तस्वीर भी देखी जा सकती है। बहुत से लोग जिनके पास केवल एक पौंड की ‘धनराशि’ है, लेकिन वे उसे एक हज़ार एक पौंड दिखाकर कैश कराना चाहते हैं— कोई धार्मिक कार्य कर रहा है और उसी को वह पूरा कार्य बताता है, कोई निजी प्रसिद्धी के लिए सक्रिय है और उसे धर्मसेवा का नाम दिए हुए है, कोई अपनी राजनीतिक अभिरुचि की संतुष्टि कर रहा है और कहता है कि वह इस्लामी व्यवस्था स्थापित करने के लिए सामने आया है, कोई वाद-विवाद में व्यस्त है और समझता है कि वह इस्लाम के पुनर्जागरण का मुजाहिद है और कोई मामूली सुधार का कार्य कर रहा है और उसे दावत व तबलीग़ का शानदार नाम दिए हुए है।
इनमें से हर इंसान वर्तमान संसार में पूर्ण रूप से अपनी क़ीमत वसूल कर रहा है। वह अपने साधारण कार्य को बहुत बड़ा कार्य सिद्ध करके प्रसन्न है, लेकिन मृत्यु इन सारी ख़ुशफ़हमियों को झूठा साबित कर देगी। मृत्यु के पश्चात आने वाली अदालत में ऐसे सारे लोग धोखेबाज़ी के अपराधी घोषित कर दिए जाएँगे, चाहे वर्तमान संसार में वे अपने एक पौंड के चेक से एक हज़ार एक पौंड की धनराशि कैश कराने में सफल हो जाएँ।