प्राचीन यूनान (Ancient Greece) में हर चीज़ किसी-न-किसी देवी या देवता के साथ जुड़ी हुई थी। मानवीय मस्तिष्क पर सबसे ज़्यादा प्रभाव पौराणिक कथाओं का था। यूनानी पौराणिक कथाएँ (Greek Mythology) एक बड़ा और विस्तृत विषय है, जिस पर बड़ी-बड़ी पुस्तकें लिखी गई हैं। यहाँ तक कि ‘एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ ग्रीक माइथोलॉजी’ के नाम से इस विषय पर एक अलग एनसाइक्लोपीडिया भी मौजूद है।
प्राचीन यूनान में देवताओं और शूरवीरों के नाम पर अनगिनत विचित्र प्रकार की कहानियाँ प्रसिद्ध थीं, जिनको यूनानी लोग बिल्कुल वास्तविक मानते थे। ऐसे वातावरण में यह संभव न था कि वास्तविक और ठोस रूप में विज्ञान का विकास हो सके। कवियों और कलाकारों की कल्पना के लिए यह वातावरण बिल्कुल उपयुक्त और सहायक था। इसलिए इनके बीच बहुतायत से कवि और कलाकार पैदा हुए, लेकिन वहाँ का वातावरण वैज्ञानिक ढंग के शोध और अध्ययन (scientific research) के लिए उपयुक्त और सहायक नहीं था। इसलिए विद्वान और खोजकर्ता या आजकल की भाषा में वैज्ञानिक वहाँ पैदा भी नहीं हुए।
प्राचीन यूनान में हर चीज़ के देवी या देवता थे, जिनके बारे में उनके यहाँ चमत्कारी विचार और कल्पनाएँ फैली हुई थीं। ऐसी हालत में शायरी और कला जैसी चीज़ों के विकास के लिए आवश्यक वातावरण उनके यहाँ पूरी तरह से मौजूद था। इसलिए यूनान में और यूनान के बाहर दूसरे यूरोपियन देशों में ऐसे बहुत से कलाकार पैदा हुए, जिनको यूनानी पौराणिक कथाओं से प्रेरणा मिली। यहाँ तक कि पश्चिमी साहित्य पर यूनानी पौराणिक कथाओं (Greek Mythology) का प्रभाव आज तक पाया जाता है।
यूनानी सभ्यता प्राचीन समय की प्रसिद्ध और गौरवशाली सभ्यता है, लेकिन वह यूरोप में वैज्ञानिक सोच और वैज्ञानिक कार्यों की शुरुआत न कर सकी। यह काम केवल उस समय शुरू हुआ, जबकि वैज्ञानिक ढंग की सोच मुसलमानों के द्वारा यूरोप तक पहुँची। अनेकेश्वरवाद का दृष्टिकोण विकास में रुकावट था, जबकि एकेश्वरवाद का दृष्टिकोण बौद्धिक और मानसिक स्वतंत्रता के एक नए युग को शुरू करने वाला बन गया।