छोटी-सी बात पर बहुत बड़ा फ़ैसला
सफ़ल जीवन का एक रहस्य यह है कि छोटी-छोटी बातों पर बड़ा फ़ैसला नहीं लिया जाए। सामूहिक जीवन में छोटी शिकायतें हमेशा होती रहती हैं। समझदार व्यक्ति वह होता है, जो इन छोटी शिकायतों को नज़रअंदाज़ कर दे, जबकि नासमझ व्यक्ति छोटी शिकायत पर ग़ुस्सा कर बैठता है और उसके आधार पर बड़ा निर्णय ले लेता है। इसी तरह की एक प्रसिद्ध घटना ‘संडे टाइम्स’, लंदन के हवाले से नई दिल्ली के अंग्रेज़ी अख़बार ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ (17 अगस्त, 2009) में प्रकाशित हुई थी।
लीबिया के शासक मुअम्मर गद्दाफ़ी का 33 वर्षीय बेटा हैनिबल जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) गया। वहाँ वह एक होटल में ठहरा। उसके साथ उसकी पत्नी एलेन भी थी। एक बार ऐसा हुआ कि होटल की एक तुनिशियन नौकरानी मोना की किसी बात पर एलेन को ग़ुस्सा आ गया। एलेन ने उसे मारा और धमकी दी कि मैं तुम्हें होटल की खिड़की से बाहर फेंक दूँगी।
इस घटना की ख़बर स्थानीय पुलिस को हुई। पुलिस ने हैनिबल और एलेन को गिरफ़्तार कर लिया। हालाँकि उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया गया, लेकिन जब इस घटना की ख़बर हैनिबल के पिता मुअम्मर गद्दाफ़ी तक पहुँची, तो उन्होंने इसे अपना अपमान समझा और वह बेहद ग़ुस्से में आ गए। उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के ख़िलाफ़ कई कड़े क़दम उठाए—स्विट्ज़रलैंड से हवाई सेवा बंद करना और कई स्विस कंपनियों के लीबिया में स्थित कार्यालयों को बंद कर देना, आदि। यहाँ तक कि उन्होंने कहा: “अगर मेरे पास परमाणु बम होता, तो मैं स्विट्ज़रलैंड को नक्शे से मिटा देता!”
यह घटना एक छोटी शिकायत पर बेइंतिहा बड़ी कार्रवाई का एक उदाहरण है। इस प्रकार की कार्रवाई का परिणाम हमेशा उल्टा ही होता है। चाहे कोई आम आदमी हो या बड़ा आदमी, कोई भी इस तरह के क़दम के नकारात्मक परिणामों से नहीं बच सकता। जल्द या देर से, इंसान को अपनी ग़लती का एहसास हो ही जाता है, लेकिन बाद में उस ग़लती को सुधारना संभव नहीं होता। तलाक के मामलों से लेकर राष्ट्रीय युद्धों तक, इस तरह के उदाहरण हर जगह देखे जा सकते हैं।