आज के इंसान की प्रसन्नता केवल सांसारिक इच्छाओं पर ही निर्भर करती है। आज की आवश्यकताएँ, आज का आराम, आज की इज़्ज़त, आज के ही अवसरों को प्राप्त कर लेने का नाम लोगों की दृष्टि में सफलता है और इनको प्राप्त न कर पाने की स्थिति का नाम असफलता। यही वह चीज़ है, जिसके लिए सारा इंसानी काफिला आगे बढ़ा चला जा रहा है। किसी भी आदमी को आने वाले समय की चिंता नहीं है। हर आदमी बस आज की धुन में दीवाना हो रहा है।