Soulveda | December 10, 2023
सूर्य हमारी धरती से बारह लाख गुना बड़ा और इससे साढ़े नौ करोड़ मील दूर है, फिर भी सूर्य का प्रकाश और ताप अत्यधिक मात्रा में हम तक पहुँच रहा है। यह सूर्य ब्रह्मांड का एक…
Soulveda | November 30, 2023
क़ुरआन में कहा गया है— “ईश्वर आसमान व ज़मीन का नूर है।” (सूरह अन-नूर) इसका अर्थ यह है कि संपूर्ण संसार ईश्वरीय गुणों का प्रकटन है। संवेदनशील हृदय को यहाँ की हर चीज़ में…
Soulveda | September 29, 2023
इंसान ने सदैव ईश्वर को समझने में भी ग़लती की है और स्वयं को समझने में भी। इसने ईश्वर को अपने जैसा समझ लिया और स्वयं को ईश्वर जैसा। यही हर दौर के इंसान की ग़लती रही है…
Soulveda | September 11, 2023
ब्रह्मांड ईश्वर का दर्पण है। यहाँ ईश्वर अपनी रचनाओं के रूप में उपस्थित है। इंसान अगर संवेदनशील (sensitive) हो तो अपने चारों ओर वह ईश्वर को ही पाएगा। अपने चारों ओर वह…
Soulveda | August 04, 2023
परमेश्वर की खोज का मापदंड यह है कि एक बार जब आप उसे पा लेते हैं, तो आप पूरी तरह शांत और संतुष्ट हो जाते है। 1946 में ऑस्ट्रियाई न्यूरोलॉजिस्ट और मनोचिकित्सक विक्टर एमिल…
The Quran tells us that man was created so that he might worship God. In the words of the Quran, “I created the Jinn and mankind only so that they might worship Me.” (51:56) In this verse the worship…
Maulana Wahiduddin Khan | The Sunday Guardian | May 17, 2015
An article written by the American Nobel-prize winning physicist Charles Townes (1915-2015) appeared in the Times of India on 31…
Maulana Wahiduddin Khan | The Sunday Guardian | September 20, 2015
Someone once said to the renowned Indian scientist, Sir C.V. Raman that the discoveries which scientists have made were not really…
The Sunday Guardian | August 09, 2015
The American president, Ronald Reagan, according to an official of the Republican party of the U.S.A., kept a golden ferrule in his pocket all the time. This…