By
Maulana Wahiduddin Khan
स्रोत: मई, 2021

क़ुरआन में मुख़्तलिफ़ मक़ाम पर बताया गया है कि इसराईली जब मिस्र में आबाद थे तो मिस्र का बादशाह उनके लड़कों को क़त्ल कर देता था और उनकी औरतों को ज़िंदा रखता था।

(देखिए— 2:49, 7:141, 14:6)

इन आयात में अल्फ़ाज़ बिलकुल आम हैं। ब-ज़ाहिर इनका मतलब यह निकलता है कि फ़िरऔन बनी-इसराईल के तमाम लड़कों को क़त्ल करवा दिया करता था; मगर ऐसा नहीं, क्योंकि अगर वह तमाम लड़कों को क़त्ल करता तो बनी-इसराईल की नस्ल ही मिट जाती। असल यह है कि फ़िरऔन बनी-इसराईल के ऊँचे और बा-असर ख़ानदान के लड़कों को क़त्ल करवाता था या ऐसे जवानों को क़त्ल करवा देता था, जिनके अंदर उसे क़ियादत की सलाहियत नज़र आती थी।

असल यह है कि फ़िरऔन बनी-इसराईल के ऊँचे और बा-असर ख़ानदान के लड़कों को क़त्ल करवाता था या ऐसे जवानों को क़त्ल करवा देता था, जिनके अंदर उसे क़ियादत की सलाहियत नज़र आती थी।

बनी-इसराईल चूँकि हज़रत यूसुफ़ के ज़माने में हुक्मराँ गिरोह की हैसियत रखते थे, इसलिए वह उनसे सियासी ख़तरा महसूस करता था। वह चाहता था कि बनी-इस्राईल के अंदर ऐसे आला अफ़राद न उभरें, जो दोबारा अपनी क़ौम को मुनज़्ज़म कर सकें।

अल्लाह तआला ने उमूमी अंदाज़ में इस फ़ेल की ग़ैर-मामूली शिद्दत ज़ाहिर करने के लिए मना फ़रमाया। यही दावत का उस्लूब है। जो लोग इस राज़ को न समझें, वे बहुत से गहरे मायनों को पाने से महरूम रह जाएँगे।

असल यह है कि फ़िरऔन बनी-इसराईल के ऊँचे और बा-असर ख़ानदान के लड़कों को क़त्ल करवाता था या ऐसे जवानों को क़त्ल करवा देता था, जिनके अंदर उसे क़ियादत की सलाहियत नज़र आती थी।

Category/Sub category

QURANIC VERSES2:497:14114:6
Share icon

Subscribe

CPS shares spiritual wisdom to connect people to their Creator to learn the art of life management and rationally find answers to questions pertaining to life and its purpose. Subscribe to our newsletters.

Stay informed - subscribe to our newsletter.
The subscriber's email address.

leafDaily Dose of Wisdom